मुहम्मद उमर कैरानवी: January 2010

Sunday, January 31, 2010

आओ भाई बहनों विश्‍व पुस्‍तक मेले में आओ, धर्म की बात होगी world-book-fair- delhi

विश्‍व पुस्‍तक मेला, दिल्‍ली में धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक श्री सैयद अब्‍दुल्‍लाह तारिक साहब से मिलिये आज (1 फरवरी) सुबह से शाम तक, आप अपने STALL पर मिलेंगे , मेले के शेष दिनों अर्थात 7 फरवरी 2010 तक स्‍टाल पर आपकी पुस्‍तकें उपलब्‍ध रहेंगी
HALL NO. 12A
STALL N. 266

55 year-old Syed Abdullah Tariq runs an Islamic group
based in Rampur, a town in western Uttar Pradesh, that
focuses on dialogue with Hindus. An engineer by
training, he was one of the chief disciples of the
late Maulana Shams Naved Usmani, a noted Islamic
scholar who had also a deep knowledge of the Hindu
scriptures........ More


मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजूर कर देने वाली तारिक अब्‍दुल्‍लाह साहब द्वारा प्रस्‍तुत पुस्‍तक ''अगर अब भी न जागे तो'' इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकाने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है,

English:

Monday, January 11, 2010

कौन है Best? गांधी जी, बुद्घा या मुहम्‍मद सल्‍ल. ? Who is the Best of Men?

अंग्रेज भाई भी नयी-नयी साजिश के साथ हाजिर होते रहते हैं, पहले आठ अजूबों के मामले में बेवकूफ बनाया था अब 10 की लिस्‍ट देकर पूछ रहे हैं Who is the Best of Men? किसी तरह यह जीत गय तो फिर देखिए आने वाली नस्‍लों तक अपनी जीत को कैसे गायेगे, इसलिए मेरा कहना है आप रिस्‍क न लें और अपना वोट दे ही डालें, वोट देने में आपको उलझन हो तो वेबसाइट पर निम्‍न दस के www.bestofmen.org पर प्रोफाइल भी दिए गए हैं,

1. Abraham Lincoln

2. Albert Einstein

3. Buddha

4. Jesus Christ

5. Karl Marx

6. Mahatma Gandhi

7. Martin Luther

8. Muhammad

9. Saint Paul

10. William Shakespeare

"A fantastic research to find whom the people of the world love" - ST News

मुहम्‍मद साहब बारे में महात्मा गांधी और उनके पुत्र दयानिधि श्री देवदास गांधी आदि जैसे महापुरूषों के विचार  जाना चाहे तो देखें

http://islaminhindi.blogspot.com/2009/12/islam-quran-comments-non-muslims.html


for vote

Saturday, January 2, 2010

ब्‍लागवाणी का उमर कैरानवी को अपना झंडा या डंडा देने पर धन्‍यवाद post-testing

होशियार, खबरदार अब हम भी ब्‍लागवाणी परिवार में शामिल हो गये हैं, निरन्‍तर प्रयास और दोस्‍तों की दुआओं से मुझे यह कामयाबी मिली, मैं ब्‍लागवाणी के साथ अपने उन चंद दोस्‍तों का भी शुक्रगुजार हूं जिन्‍होंने मेरा हौसला बनाए रखा, इसी बहाने ब्‍लागजगत ने अपनी देसी कहवातों में एक को सच होते देखा कि 'निरन्‍तर प्रयास से रखो सफलता की आस', शेष फिर कभी