मुहम्मद उमर कैरानवी: न्यु एज इस्लाम डॉट कॉम पर लगातार हमला

Thursday, March 19, 2015

न्यु एज इस्लाम डॉट कॉम पर लगातार हमला

प्रिय पाठकों,  लगभग पांच साल पहले हमने जब अपने सफ़र की शुरुआत की, तब से हमारे ऊपर हमले होते रहे हैं। सबसे पहले हमारी साइट को हैक करने की लगातार कोशिश की गई। इसके बाद हमारे न्यूज़लेटर मेलिंग सिस्टम (newsletter mailing system) पर अनगिनत बार हमले किए गए। एक बार हमारी साइट सर्वर (server) से ऐसे समय में डिलीट कर दी गयी जब हम ऐसे हालात का सामना करने के लिए तैयार नहीं थे। उस समय हमारे पास कोई बैकअप नहीं था। हालांकि हमने इसे फिर बनाया और तब से अब तक ये जारी हैं। 

सुल्तान शाहीन, एडिटर, न्यु एज इस्लाम
20 दिसम्बर 2012
एक बार हमने साइट को सुरक्षा प्रदान की, इसके बावजूद ऑनलाइन (online) जो कुछ भी है, पूरी तरह सुरक्षित नहीं है, डोमेन रजिस्ट्रार (domain registrars) और वेब होस्ट (webhosts) को शिकायत प्राप्त होनी शुरू हो गईं। नफरत फैलाने से लेकर स्पैमिंग (Spamming) तक की हर तरह की शिकायत मिलने लगीं। एक बार तो डोमेन रजिस्ट्रार ने हमारे डोमेन नेम को बिना किसी पूर्व सूचना के ही निलंबित कर दिया। और इंटरनेट पर इस निलंबन का प्रचार प्रसार होने में कुछ दिन लग जाते हैं, हुआ ये कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कंप्यूटर पर NewAgeIslam.com साइट खुलती थी, और कुछ हिस्सों में ये लिख कर आता कि ये साइट मौजूद नहीं है। एक दो दिनों तक हमें कुछ पता नहीं चला कि हमारे साथ क्या गलत हो रहा है। हम एक डोमेन रजिस्ट्रार से दूसरे डोमेन रजिस्ट्रार तक और एक वेब होस्ट से दूसरे वेब होस्ट को स्थानांतरित होते रहे।
हमारे साथ ये मामला सामने आया। हिंदुस्तान से बाहर भी हमारा पीछा किया गया। मैंने अपना डोमेन नेम और वेब होस्टिंग दोनों को अमेरिका स्थानांतरित कर दिया। लेकिन हमारे दुश्मन अधिक मजबूत हैं। हर एक देश के व्यापारी सिर्फ पैसा कमाने से मतलब रखते हैं, उनके पास इतना भी वक़्त नहीं कि वो उन न्यूज़ लेटर पर एक नज़र डालें जो उनके पास हमारी तरफ से नफरत को बढ़ावा देने और स्पैमिंग के सुबूत के तौर पर भेजे जाते हैं। अब मेरे वेब होस्ट के द्वारा मुझे ये नोटिस मिली है कि साइट को निलंबित किया जा चुका है और ये किसी भी समय हटाई जा सकता है। शिकायतों का एक और सेट। ये नोटिस साइट के निलंबन के 15 दिनों के बाद मेरे इन बॉक्स (inbox) में आई। इस दौरान में बहुत गुस्से में था और ये समझने नहीं पा रहा था कि इस साइट के साथ क्या हो रहा है। एक हफ्ते से अधिक मैं न्यूज़ लेटर नहीं भेज पाया। हमारा मेल सर्वर काम नहीं कर रहा है। दूसरे सिस्टम अभी तक चल रहे हैं। अपना निजी सर्वर रखना और उसका प्रबंध खुद से करना ही इसका हल है। लेकिन एक निजी सर्वर खरीदना जिसे हर दिन लाखों हिट मिलें उसका प्रबंधन कर पाना आसान नहीं है, इसके लिए पेशवरों का समूह चाहिए, और जो साइट मुश्किल से अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए निर्वाह कर रही हो, ये उसके लिए बहुत मुश्किल है। हम इसके दूसरे समाधानों के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन मैं आपको इस बात का आश्वासन दे सकता हूँ कि अगर हम अचानक से ऑफ़लाइन (offline) चले भी गए तो इंशाअलाह हम वापस आनलाइन होंगे। मैंने सोचा कि मुझे आप लोगों को इस सम्भावना की चेतावनी पहले ही दे देनी चाहिए। इसलिए कि मैं ऐसा कर सकता हूँ। अल्लाह ने हमारी मदद हमेशा की है। वो फिर हमारी मदद करेगा। मुझे इस बात का यक़ीन है। कृपया हमारे साथ जरूर जुड़े रहें, और साइट के अचानक बंद हो जाने की हालत में अपने विश्वास के अनुसार हमारे लिए दुआ करें या हमें शुभकामनाएं भेजें।
आप लोगों को परिप्रेक्ष्य देने के लिए के लिए मैं अपने उस भाषण का कुछ हिस्सा यहाँ पेश कर रहा हूँ जिसे मैंने संयुक्त राष्ट्र (जिनेवा) में एक समानांतर बैठक में इंटरनेट गवर्नेंस और साइबर सिक्योरेटी के विषय पर दिया था।
लेकिन, विश्व इंटरनेट गवर्नेंस की समस्या केवल सरकारों ही के लिए महत्व नहीं रखता, बल्कि आम उपभोक्ता और वेबसाइटों के मालिकों को भी कई जोखिमों और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चूंकि चार सालों से मैं खुद एक वेबसाइट चला रहा हूँ इसलिए इस संबंध में मैं अपना अनुभव बताते हुए यह कहने में सही हूं कि हम लोग बहुत ही नाजुक जीवन जी रहे हैं। मेरी तरह बहुत से ऐसे ब्लागर्स और वेबसाइट मैनेजर्स हैं जो विभिन्न मुद्दों पर अपना पक्ष रखते हैं, इसलिए कई लोग इनके विरोधी नहीं बल्कि दुश्मन बन जाते हैं, और उनकी वेबसाइटों को समाप्त करने की इच्छा रखते हैं। लेकिन आखिर उनके लिए ऐसा करना इतना आसान क्यों होता है? धमकियाँ तो बहुत से लोगों की तरफ से आती रहती हैं। न्यु एज इस्लाम को कई बार इसके दुश्मनों ने हैक किया है और इसको खत्म करना चाहा है। हमारे दुश्मन लोग, शायद जिहादी लोग, विशेष रूप से हमारे न्यूज़लेटर के पीछे पड़े हुए हैं जो हर दिन लगभग साढ़े तीन लाख सबस्क्राइबर्स के पास पहुंचता है। हमारे न्यूज़लेटर के सबस्क्राइबर्स ईमेल आईडी कभी भी डिलीट की जा सकती है, जैसा कि न्यु एज इस्लाम को एक ही दिन में तीन बार इस स्थिति का सामना करना पड़ा है। ये हैं हमारी सुरक्षा से जुड़ी समस्यां। जिनसे निपटने के लिए हमें सही प्रक्रिया और संसाधन का चयन करना होगा।
इसके अलावा, हमें कुछ ऐसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है, जिनका संबंध प्रत्यक्ष रूप से इंटरनेट गवर्नेंस से है। न्यु एज इस्लाम को इस तरह की कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिए, हमारे डोमेन नेम को किसी नोटिस या जांच के बिना निलंबित किया जा सकता है, और ऐसा उस वक्त होता है जब कोई व्यक्ति डोमेन रजिस्ट्रार को बिल्कुल झूठी शिकायत भेज देता है। इसी तरह वेब साइट होस्ट हमारे संचालन को निलंबित कर सकता है, जैसा कि न्यु एज इस्लाम कई बार इसकी चपेट में आ गया है,  और इसके पीछे इसी प्रकार के बिल्कुल झूठे और निराधार आरोप थे। दरअसल डोमेन रजिस्ट्रार या वेबसाइट होस्ट का कहना है कि वो शुद्ध व्यापारिक संगठन हैं, इसलिए वो अनावश्यक बातों में नहीं पड़ना चाहते है। वो ये भी कहते हैं कि चूंकि उनके पास ऐसे लोग नहीं हैं जो शिकायतों की समीक्षा कर सकें, इसलिए उनके लिए ज्यादा आसान काम है कि जब भी कोई शिकायत दर्ज हो तो वो इस पर एक्शन लेते हुए वेबसाइट को बंद कर दे। इसलिए जब मैंने अपने डोमेन रजिस्ट्रार से कहा कि वह कम से कम शिकायत को एक बार पढ़ लें जो मुझे उन्होंने बिना पढ़े फॉरवर्ड कर दिया है, तो उन्होंने बड़ी सादगी से जवाब दिया कि ''मेरे पास न तो तुमसे बहस करने का समय है और न ही अनावश्यक मेल पढ़ने का। लेकिन कुछ दिनों के लिए आपका डोमेन बहाल कर रहा हूँ, लेकिन आप अपना डोमेन किसी डोमेन रजिस्टर में अभी इसी समय स्थानांतरिक करवा लो'।  मैंने ऐसा ही किया, लेकिन मेरी वेबसाइट कई सप्ताह तक प्रभावित रही।
लेकिन जब मैंने इस बारे में ठंडे दिमाग से सोचा, तो मैंने पाया कि रजिस्ट्रार का इसमें दोष नहीं है। क्योंकि अगर आप इसके अर्थशास्त्र पर नज़र डालें, तो आपको पता चलेगा कि रजिस्ट्रार की बात में दम है। वो मुझसे डोमेन नेम के बदले 12 से 15 डॉलर सालाना लेता है। यानी हर साल मुझसे 5 से 7 डॉलर का लाभ प्राप्त करता है। अब आप ही सोचिए कि वह व्यक्ति मुझसे बहस करके कीमती समय भला क्यों गंवाएगा या मेरी वेबसाइट के खिलाफ दर्ज शिकायतों की जाँच करा अपने संसाधनों को क्यों बर्बाद करेगा और इस तरह वो अपने व्यापार को दांव पर किस लिए लगाएगा? उस व्यक्ति का इसमें बिल्कुल भी कोई लाभ नहीं है, जबकि व्यापार हमेशा लाभ और हानि के सरल सिद्धांत पर चलता है। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र की कमेटियाँ जब कभी भी इंटरनेट गवर्नेंस के बड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगी, तो इन मुद्दों पर भी अवश्य ध्यान देंगी जो लाखों इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और वेबसाइट मालिकों से संबंध रखते हैं। बहरहाल, ये हम नेटीज़ंस (इंटरनेट का उपयोग करने वाले) हैं जिन्होंने इंटरनेट को सूचना राजमार्ग (इंफार्मेशन हाईवे) बना रखा है। इसलिए हमें खुद सुरक्षा की जरूरत है।

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